Bacho Ko Padhne Ka Tarika In Hindi | बच्चों को कैसे पढ़ाएं
हर माता-पिता का हार्दिक इच्छा है कि उनका बच्चा पढ़ाई में दूसरे बच्चों से अच्छा रहे। वह अपने बच्चे के एडमिशन से लेकर उनके पढ़ने का माहौल सभी विषयों से चिंतित रहते हैं।
अक्सर अभिभावक का शिकायत रहता है कि उनका बच्चा ठीक से पढ़ाई नहीं करता है। यहां खुद को समझना आवश्यक है कि बच्चे को पढ़ने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जाए तथा इस समय अभिभावक को क्या नहीं करना चाहिए।
यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते हैं तो संपूर्ण जानकारियां आपको मिल जाएगी। कौन ऐसा घर है जहां बच्चे नहीं है और जब बच्चे हैं तो पढ़ाई तो आवश्यक है.
बच्चे की पढ़ाई से संबंधित कुछ जानकारियां हम इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस लेख को आप अब तक पढ़े हैं और अपना विचार कमेंट बॉक्स में जरूर देने का प्रयास करें।
अभिभावक कुछ ऐसा उपाय कर सकते है जिसके बाद बच्चे शुरुआती दौर में पढ़ने के लिए तैयार हो जाए। सबसे पहले तो बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित करना है।
बच्चों को पढ़ाने के तरीके | How To Teach Kids In Hindi
बच्चे एक नाजुक फूल के समान है इनके मन बहुत ही कोमल और चंचल होते हैं। इस समय बच्चे के माता-पिता को भी धैर्य की आवश्यकता होती है। आप बच्चे को डांटकर या जोर-जबरदस्ती करके पढ़ाने से बचें। यदि आप बच्चे के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं तो आपका बच्चा कभी नहीं पढ़ सकेगा।
बच्चों के पास पढ़ते समय बैठे
बच्चे कच्चे मिट्टी के समान है आप जिस सांचे में उसे डालना चाहते हैं ढाल सकते हैं। किंतु आपको हमेशा ध्यान रखने की आवश्यकता है। कुछ अभिभावक है जो बच्चे को गृह कार्य Home Work करने के लिए छोड़ देते हैं और अपने घर के काम में लग जाते हैं, यह पढ़ाई का सही तरीका नहीं है।
पढ़ाई के समय आप बच्चे के बगल में बैठे हैं। एक बच्चे को पढ़ाने में शिक्षकों तथा अभिभावक दोनों को सहयोग की आवश्यकता होती है।
आप विद्यालय के भरोसे अपने बच्चे को नहीं पढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बच्चों के साथ बैठना पड़ेगा, आपको इसे सही से समझना होगा फिर आपका बच्चा निश्चित रूप से पढेगा। कुछ ऐसे भी अभिभावक है जो अगर विद्यालय में उनके बच्चे टॉप नहीं करते हैं तो बच्चों को मार्क्स लाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर देते हैं।
छोटी सी बच्ची के ऊपर नंबर कम आने के कारण गुस्सा करने लगते हैं आपको ऐसा कभी नहीं करना चाहिए बल्कि बच्चे को प्रेरित करना चाहिए, उसे कम अंक से सीखने की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देना है।
बच्चे के साथ बैठकर पढ़ाई का शेड्यूल बनाएं
बच्चे को साथ में बिठाकर उसके पढ़ाई का शेड्यूल बनाना है। आपके बच्चे कितने घंटे पढेंगे किस समय में कौन सी विषय पढ़ना है इस विषय में शेड्यूल तैयार करना है और फिर उस शेड्यूल के अनुसार बच्चे को पढ़ाना है।
शेड्यूल में बच्चे के खेलने का समय भी निर्धारित किया जाए क्योंकि खेलना एक अच्छा व्यायाम है और इससे बच्चे का मानसिक तथा शारीरिक विकास होता है।
जितना अधिक बच्चों के लिए पढ़ाई का महत्व है उतना ही महत्व बच्चों के लिए खेल का होना चाहिए । इस बात पर सभी अभिभावकों को ध्यान रखना है।
बच्चे के साथ पढ़ाई की बात किया करें
यदि आप अपने बच्चे का भविष्य उज्जवल बनाना चाहते हैं तो जब भी उसके पास बैठे हैं पढ़ाई से संबंधित बात किया करें। इससे बच्चे के आसपास पढ़ाई का माहौल बन जाता है और वह बच्चा बात करने के दौरान भी बहुत कुछ सीख जाता है।
ऐसे बच्चे में अपनी से कुछ करने का जुनून पैदा हो जाता है। अक्सर देखा जाता है कि इस प्रकार के बच्चे अटपटे प्रश्न का भी जवाब बनाने का प्रयास करते हैं। बौद्धिक क्षमता का विकास करने के लिए आपको बच्चे के साथ हमेशा पढ़ाई से संबंधित बातचीत करना ही पड़ेगा।
बच्चों के लिए पढ़ाई का माहौल बनाएं
आप अपने बच्चों के लिए घर पर पढ़ाई का माहौल बनाए। जब बच्चे पढ़ रहे हो तो आसपास में टेलीविजन नहीं चलाएं। पढ़ाई वाला स्थान बिल्कुल शांत होना चाहिए। यदि आप पढ़ाई के समय शोरगुल करते हैं या फिर बगल में टेलीविजन चला देते हैं तो इससे बच्चे का ध्यान भंग होता है और वह अपना पढ़ाई छोड़ कर टेलीविजन देखने लग जाते हैं। अगर टेलीविजन नहीं भी देखते हैं तो उनका दिमाग टेलीविजन के ऊपर रहता है अर्थात वह सही से पढ़ाई नहीं कर सकते।
बच्चों के शिक्षक से जरूर मिले
अभी के समय में अभिभावक लोग यह गलतियां कर बैठते हैं। वह अपने बच्चे की शिक्षक से नहीं मिलते हैं जोकि गलत बात है... यदि आप एक सच्चे अभिभावक हैं तो आपको अपने बच्चे के शिक्षक से मिलना आवश्यक है।
आप शिक्षक से मिलकर अपने बच्चे के विषय में जानकारी ले सकते हैं। आपके बच्चे की पढ़ाई कैसी चल रही है, आपके बच्चे के लिए क्या जरूरी है तमाम जानकारियां आपको शिक्षक से मिल जाती है। आप अपने बच्चे का उज्जवल भविष्य देखना चाहते हैं तो उनकी शिक्षक से मिलना नितांत आवश्यक है।
उपलब्धियों पर प्रेरित करें
यदि आपके बच्चे कोई उपलब्धि प्राप्त करते हैं अर्थात विद्यालय में आयोजित होने वाले किसी खेल प्रतियोगिता में या फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उसे प्रेरित करें। इससे बच्चे का मानसिक शक्ति बढ़ती है और फिर वह पढ़ाई पर और जोर देने लगते हैं।
बच्चे को पढ़ाई का महत्व समझाएं
आप जब भी बच्चे को पढ़ा रहे हैं तो उन्हें पढ़ाई का महत्व समझाएं। आपको पढ़ने की बात क्या उपलब्धि मिलेगी। पढ़ाई करने के बाद जीवन में होने वाले तरक्की के विषय में बच्चे को बताने का प्रयास करें। पढ़ाई करने के बाद एक इंसान में क्या बदलाव होता है इस संबंध में सभी जानकारी बच्चों के साथ शेयर करें।
बच्चे को खेल-खेल में पढ़ाने का प्रयास करें
कभी भी बच्चे को आप पढ़ाने के लिए जाते हैं तो उसे खेल-खेल में पढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि बच्चे सबसे अधिक खेल को पसंद करते हैं। ऐसे में बच्चे को पढ़ाने के लिए आप खेल का सहारा ले सकते हैं। सरकार बच्चे को पढ़ाने के लिए खेल विधि का पालन विद्यालय में करने के निर्देश देती है।
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